गुजरात के शिक्षा मंत्री ने सभी स्कूलों में भगवद गीता को अनिवार्य कर दिया है. इस फैसले पर कई एजुकेशन एक्सपर्ट ने हैरानी जताई है. वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि इससे छात्र भारतीय संस्कृति को जान सकेंगे.
नई दिल्ली: गुजरात में कक्षा पहली से 12वीं के छात्रों को भगवत गीता पढ़ाया जाएगा. इस बात की जानकारी गुजरात के शिक्षा मंत्री जीतू वघानी ने दी. सरकार के इस फैसले को विपक्ष हैरानी भरा बताया है. वहीं, कई एजुकेशन एक्सपर्ट्स भी इस फैसले से हैरान हैं.
अगले सत्र से आ जाएगा सिलेबस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुजरात सरकार की तरफ से यह फैसला भारतीय संस्कृति और ज्ञान प्रणाली' को बढ़ावा देने के लिया गया है. माना जा रहा है कि नया सिलेबस राज्य के स्कूलों में शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से लागू हो जाएगा.
कहानी के रूप में मिलेगा गीता का सार
शिक्षा मंत्री वघानी के मुताबिक छात्रों को भगवद गीता अलग-अलग भागों में पढ़ाई जाएगी. कक्षा 6 से 8 तक के लिए इस पवित्र महाकाव्य को पाठ्य पुस्तकों में कहानी और पाठ के रूप में पेश किया जाएगा. जबकि कक्षा 9 से 12 के लिए, इसे पहली भाषा की पाठ्य पुस्तक में कहानी और पाठ के रूप में पेश किया जाएगा.
पाठ्य पुस्तकों में होगा बदलाव
शिक्षा मंत्री वघानी का कहना है कि यह कदम बच्चों के लिए नई अध्ययन सामग्री की शुरूआत के साथ आगे बढ़ाया जाएगा. यह भी संभावना है कि किताबों को या तो एक नया रूप दिया जाएगा या फिर नई किताबें ही पेश की जाएंगी. जो की पूरी तरह से भगवद गीता से जानकारी प्राप्त करने पर केंद्रित होंगी.
गुजरात में कक्षा 6 से 12 के छात्रों को पढ़ाया जाएगा भगवद गीता, नए सत्र से होगा लागू
Reviewed by Tarun Baveja
on
March 19, 2022
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